केवार्इसी (KYC) बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में प्रयोग होने वाला एक लोकप्रिय शब्द है। आईये जानते हैं क्या है केवाईसी (KYC) और क्यों महत्वपूर्ण है?
केवाईसी की फुलफार्म है नो योर कस्टमर (know your customer) यानि अपने ग्राहक को पहचानो। ग्राहक की पहचान प्रक्रिया के जरिए खाते के असली मालिक की पहचान, पैसे का सोर्स यानी पैसा कहां से आया है, ग्राहक के बिजनेस का नेचर मतलब वह किस तरह का बिजनेस करता है, के बारे में पता लगाने का प्रयास किया जाता है। इसके अलावा यह भी जानने की कोशिश की जाती है कि उसके खातों से होने वाला लेन-देन उसके बिजनेस के मुताबिक है या नहीं। केवाईसी गाईडलाइन का मतलब जानबूझ कर या अनजाने में की जाने वाली आपराधिक गतिविधियों और मनी लांडरिंग पर अंकुश लगाना है।
केवार्इसी (KYC) के लिये मान्य छ: प्रकार के दस्तावेज हैं-
● पासपोर्ट
● ड्राइविंग लाइसेंस
● मतदाता पहचान पत्र
● पेनकार्ड
● एनआरजीए कार्ड
● आधार कार्ड
पते के संबंध में प्रमाण उपभोक्ता बिल जैसे-
● टेलिफोन
● बिजली या गैस का रि-फिलिंग बिल
● पासपोर्ट
● बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
● राशन कार्ड
● नियोक्ता द्वारा जारी नियुक्ति पत्र
● व्यावसायिक बैंकों के बैंक मैनेजर द्वारा भेजा गया पत्र।
कहां-कहां होती है केवाईसी (KYC) की जरूरत
● बैंक में अकाउंट खोलने
● म्युचुअल फंड अकाउंट
● बैंक लॉकर्स
● ऑन लाइन म्युचुअल फंड खरीदने
● सोने में निवेश
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